Edited by: Vandana Ravindra.
दक्षिण भारत में हिंदी का विरोध कोई नई बात नहीं है लेकिन ये विरोध अब सदन तक पहुंच गया है। दरअसल, डीएमके नेता स्टालिन ने तमिलनाडु में हिंदी विरोध की राजनीति करते हुए नया सियासी पैंतरा आजमाया है।
तमिलनाडु सरकार ने अपने बजट से रुपये का सिंबल ‘₹’ को हटाकर बजट की कॉपी में रुपये को तमिल लिपी के चिन्ह ரூ से बदल दिया गया है, जिसका अर्थ देवनागरी में ‘रु’ लिखा जाता है। गौरतलब है कि, भारतीय रुपया चिह्न ‘₹’ को भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को अपनाया था, तब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी और पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
₹ चिन्ह को आईआईटी बॉम्बे के पीजी स्टूडेंट डी. उदय कुमार ने डिजाइन किया था, जो कि डीएमके के पूर्व विधायक एन. धर्मलिंगम के बेटे हैं। जाहिर है ये पहली बार नहीं है जब हिंदी-तमिल विवाद पर तमिलनाडु में बीजेपी और डीएमके आमने-सामने है। इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई और उदयनिधि मारन के बीच कहासुनी हो चुकी है।
तमिलनाडु के द्रविड़ राजनीति में हिंदी विरोध बड़ा हथियार माना जाता है और स्टालिन 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले इसे हवा दे रहे हैं। इस मुद्दे पर संसद में भी डीएमके और केंद्र सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच टकराव हो चुका है। रुपये के सिंबल को हटाने के डीएमके के नए पैंतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
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