Home दुनिया शशि थरुर ने पाक सेना प्रमुख पर कसा तंज, कहा- मुनीर की चापलूसी का मिला गिफ्ट, व्हाइट हाउस ने लंच पर बुलाया
दुनिया

शशि थरुर ने पाक सेना प्रमुख पर कसा तंज, कहा- मुनीर की चापलूसी का मिला गिफ्ट, व्हाइट हाउस ने लंच पर बुलाया

Share
लंच पर थरुर का तंज
लंच पर थरुर का तंज
Share

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में हुए लंच पर का मजाक उड़ाते हुए तंज कसा। शशि थरूर ने उम्मीद जताई कि मुनीर को ट्रंप के साथ भोजन करते समय “फूड फॉर थॉट” (सोचने के लिए कुछ) मिला होगा।

मुनीर और ट्रंप- image source: Google

बता दें कि, ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में मुनीर को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया था। ये भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के हफ्तों बाद हुआ है। व्हाइट हाउस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ट्रंप ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में मुनीर की मेजबानी की। जिसको लेकर शशि थरूर ने कहा कि, आसिम मुनीर ने एक बार कहा था कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मान मिलना चाहिए। जिसपर थरूर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि, मुनीर की इच्छा जाहिर करते ही उन्हें व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन से पुरस्कृत किया गया है।

मुनीर और ट्रंप- image source: Google

व्हाइट हाउस के अनुसार, इस जनरल ने कहा था कि राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, और फिर उन्हें लंच से पुरस्कृत किया गया। मुझे उम्मीद है कि खाना अच्छा था और इस प्रक्रिया में उन्हें ‘फूड फॉर थॉट’ भी मिले होंगे।” इसके अलावा ट्रंप-मुनीर मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए शशि थरूर ने कहा कि, “मैंने बैठक का नतीजा नहीं देखा है। हालांकि, मुनीर और ट्रंप की मुलाकात को लेकर थरूर ने यह भी उम्मीद जताई कि, संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवाद को पनपने से रोकने के महत्व की याद दिलाएगा और अमेरिका को 11 सितंबर, 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमलों को नहीं भूलना चाहिए।

मुनीर और ट्रंप- image source: Google

थरुर ने कहा कि, “मुझे उम्मीद है कि, अमेरिकी पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन न करने, आतंकवादियों को हमारे देश में सक्षम न करने, लैस न करने, वित्तपोषित न करने और भेजने के महान महत्व की याद दिलाएंगे।” जब जनरल (आसिम मुनीर) को शराब पिलाई जा रही होगी या लंच कराया जा रहा होगा, उसी समय उन्हें कुछ ऐसे संदेश भी मिले होंगे जो अमेरिका के हित में भी होंगे।” आशा है कि अमेरिकी सरकार ओसामा बिन लादेन प्रकरण को नहीं भूला है।” वहीं भारत पर अमेरिका के दबाव पर भी थरुर ने अपनी बात रखी। दरअसल, यूएस राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 35 मिनट की टेलीफोन बातचीत और बाद वाले के युद्धविराम संदेश पर टिप्पणी करते हुए शशि थरूर ने कहा कि, “अगर ट्रंप का कोई दबाव था, तो वह केवल पाकिस्तान पर रहा होगा।” थरूर ने पीएम नरेंद्र मोदी के डोनाल्ड ट्रंप को दिए संदेश को भी दोहराया, थरुर ने कहा कि, “हम अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर किसी भी दबाव का स्वागत करते हैं, लेकिन हमने इसके लिए नहीं कहा। हमने किसी की मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया।”

शशि थरुर- image source: Google

थरुर को भले ही मुनीर को लंच पर बुलाने के नतीजे के बारे में न पता हो लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ विश्लेषक माइकल रूबिन ने मुलाकात के बाद कई बड़े दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नजर पाकिस्तान पर सिर्फ इसलिए है। क्योंकि, ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े सामान को पाकिस्तान में शिफ्ट किया जा सकता है। माइकल रूबिन का कहना है कि, राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी सेनाओं की केंद्रीय कमान (CENTCOM) के अधिकारी पाकिस्तान के साथ मीठी-मीठी बातें सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें ईरान के खिलाफ रणनीतिक सहयोग चाहिए। रूबिन ने साफ कहा कि, “डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान को अमेरिका का मित्र इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें इस दोस्ती से कुछ हासिल करना है. वे चाहते हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए. अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका को उन परमाणु सामग्रियों को कहीं न कहीं ले जाना होगा, और हो सकता है कि इसके लिए पाकिस्तान चुना जाए।”

मुनीर और थरुर – image source: Google

इसके अलावा कांग्रेस के आरोपों पर कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति (जेडी वेंस) से मुलाकात की। जबकि मुनीर ने सीधे राष्ट्रपति से मुलाकात की, थरूर ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री पहले ही राष्ट्रपति से मिल चुके थे। “थरूर ने कहा कि, “संसदीय प्रतिनिधिमंडल को उपराष्ट्रपति से मिलना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ देशों में संसदीय प्रतिनिधिमंडल सांसदों से मिलता है।” उन्होंने कहा, “और हमने वही संदेश दिया जो प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप को दिया था।” उन्होंने अमेरिकी मध्यस्थता के दावों का जिक्र करते हुए कहा, “मध्यस्थता का तात्पर्य समानता से है। आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है।” बता दें कि शशि थरूर ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और आतंकवाद के प्रति उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को उजागर करने के लिए विभिन्न विश्व राजधानियों में एक बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles
इजरायल, ईरान और पाकिस्तान
दुनिया

ट्रंप के निमंत्रण को अस्वीकार कर पीएम मोदी ने तीन देशों को एक साथ साधा, झूठ से भी उठा पर्दा

पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने कनाडा पहुंचे थे। पीएम...

इजरायल और ईरान संघर्ष
दुनिया

Israel-Iran संघर्ष के बीच बढ़ी अन्य देशों की टेंशन, बढ़ सकते हैं Crude Oil के दाम

इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव और मिसाइल अटैक का सीधा...

पीएम मोदी का विदेश दौरा
दुनिया

तीन देश की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का करेंगे दौरा

आज यानि 15 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद...