बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राहुल का साथ देते नजर आ रहे हैं। दरअसल, तेजस्वी ने बड़ा बयान देते हुए राहुल गांधी के चुनाव फिक्सिंग वाले बयान को सही ठहराया है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि, राहुल का समर्थन करते हुए कहा कि, बिल्कुल सही आशंका है। उन्होंने कहा कि आप चुनाव आयोग की कार्यशाली को देखिए चुनाव आयोग ने पिछले विधानसभा चुनाव में क्या किया? नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि, दिन के उजाले में उन्होंने (चुनाव आयोग) काउंटिंग को रुकवा दिया। रात के अंधेरे में काउंटिंग को शुरू किया और तीन-तीन बार प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सफाई दी। चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की सरकार की प्रकोष्ठ की तरह काम कर रही है तो स्वाभाविक बात है, सवाल उठने जायज हैं।

बताते चलें कि, दरअसल राहुल गांधी ने पिछले दिनों बिहार दौरे पर अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरा-फेरी की गई और मतदान प्रतिशत में असामान्य वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि ‘चुनावी धांधली’ का यह खाका अब बिहार में भी लागू किया जा सकता है. उनके इस बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी सहमती जताई है और कहा कि उन्होंने बिल्कुल सही कहा है. तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग कि कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।

हालांकि, चुनाव आयोग ने राहुल के इन आरोंपो का विस्तार से उत्तर दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल एक तरफ कहते हैं कि उनके बताए मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन जब उन्हें चुनाव आयोग को लेटर लिखने की बात आती है, तो वे कतराते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रक्रिया के अनुसार कोई भी संवैधानिक संस्था औपचारिक रूप से तभी जवाब दे सकती है, जब राहुल गांधी से लेटर लिखेंगे। राहुल ने 7 जून इंडियन एक्सप्रेस को एक आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था था कि महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग हुई, अब इसी तरह की फिक्सिंग बिहार चुनाव में भी होगी।

राहुल गांधी ने शनिवार को X पर लिखा था कि, ‘आप (चुनाव आयोग) एक संवैधानिक संस्था हैं। बिना साइन और टालमटोल वाले नोट जारी करके गंभीर सवालों के जवाब देने का तरीका सही नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें।’ इस पर इलेक्शन कमीशन के सूत्र ने न्यूज एजेंसी से रविवार को कहा कि देश भर में आयोग के 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों से निराश हैं। आरोप कर्मचारियों की ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं।

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