Edited by: Vandana Ravindra.
कश्मीर के मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन पहलगाम में जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ये पहला और सबसे बड़ा आतंकी हमला है। पहलगाम जैसी घटना आज से 25 साल पहले छत्तीसिंहपुरा में हुई थी। लश्कर-ए-तैयबा के फ्रेंचाइजी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी ली है।
धर्म पूछकर और पुरुषों के पैंट उतरवाकर गोलियां मारीं
दरअसल, बीते दिन यानि मंगलवार को सेना और पुलिस की वर्दी में आए चार या पांच दहशतगर्दों ने अचानक हमला कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम के ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन में आतंकियों ने धर्म पूछकर और पुरुषों के पैंट उतरवाकर गोलियां मारीं। इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई है। जबकि, करीब 17 लोग घायल हैं। मृतकों में इजरायल और इटली के दो विदेशी पयर्टकों के साथ देश के अन्य राज्यों के सैलानी और स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
मृतकों और घायलों की लिस्ट जारी


लोगों के मन में खौफ पैदा करने की कोशिश
इधर, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इससे देश-दुनिया के लोग पहलगाम में फंसे अपनों का हालचाल जान सकते हैं। गौरतलब है कि, जम्मू और कश्मीर में देशी-विदेशी सैलानियों की तादाद पिछले कुछ साल से लगातार बढ़ रही है। सड़क, रेल और हवाई यातायात के माध्यम से यहां से पूरा देश जुड़ चुका है। कश्मीर अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। ऐसे में कथित रूप से पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने टूरिस्टों पर निशाना बनाकर उनके मन में फिर से खौफ पैदा करने की कोशिश की है।
नए वक्फ कानून के खिलाफ एक माहौल
माना जा रहा है कि, देश के कई हिस्सों में नए वक्फ कानून के खिलाफ एक माहौल बनाया गया है। खासकर बंगाल में तो इसकी आड़ में जबरदस्त हिंसा को भी अंजाम दिया जा रहा है। देश के कई और हिस्सों में इस कानून के नाम पर माहौल खराब करने की कोशिश की गई है। ऐसे में देश के दुश्मनों को शायद पहलगाम अटैक के सबसे सही वक्त था।