चोकर्स आप कहीं भी चोकर्स सुनते होंगे तो जाहिर तौर पर आपके दिमाग में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम का ख्याल आता होगा, वो इसलिए क्योंकि, कई फाइनल खेलने के बाद भी ये टीम एक भी ट्राफी नहीं जीत सकी थी। लेकिन अब इस टीम ने अपने पर लगे इस टैग को हटा दिया है।

दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की और चोकर्स के दाग को मिटा दिया। इस खिताबी जीत के बाद बावुमा ने बड़ा खुलासा किया है और उनका कहना है कि चौथे दिन जब दक्षिण अफ्रीका को 69 रन चाहिए और उसके आठ विकेट शेष थे, तब भी मैच के दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने कहा कि टीम के पास अभी भी दक्षिण अफ्रीका को ऑलआउट करने का मौका है।

कप्तान तेम्बा बावुमा का कहना है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाड़ियों को ‘चोक’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए सुना था। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर पहली बार ये खिताब अपने नाम किया था। क्रिकेट प्रशंसक लंबे वक्त से दक्षिण अफ्रीका को ‘चोकर्स’ कहकर चिढ़ाते थे क्योंकि ये टीम बड़े टूर्नामेंट में नॉकआउट मैच में चूक जाती थी। बावुमा ने बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल से बात करते हुए कहा, जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे, तो हमने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उस खतरनाक शब्द, ‘चोक’ का इस्तेमाल करते हुए सुना। सुबह ही हम पर चोकर्स का ठप्पा लग गया। ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी ने कहा कि हम (दक्षिण अफ्रीका) अभी भी आउट हो सकते हैं। मैंने निश्चित रूप से यह सुना है।

बावुमा इस बात से खुश हैं कि दक्षिण अफ्रीका फाइनल में जीत हासिल करने में सफल रहा और रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया। बावुमा ने कहा, कई साल हो गए थे जब हमने फाइनल में जगह बनाई, हम इतिहास में दर्ज हो चुके हैं। अब हम ऐसी चीज का हिस्सा हैं जो पहले कभी नहीं हुई। एडेन मार्करम के शतक और कप्तान तेम्बा बावुमा के साथ तीसरे विकेट के लिए हुई 147 रनों की साझेदारी की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में बढ़त हासिल करने के बावजूद खिताब का बचाव नहीं कर सकी। गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को 282 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने पांच विकेट पर 285 रन बनाकर जीत हासिल की। दक्षिण अफ्रीका की टीम डब्ल्यूटीसी की विजेता बनने वाली तीसरी टीम है। इससे पहले न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने यह खिताब अपने नाम किया है।

बता दें कि, ये पहला मौका नहीं है जब ऑस्ट्रेलिया टीम ने किसी अन्य देश की टीम को स्लेज किया हो। ऑस्ट्रेलिया टीम कई बार भारतीय खिलाड़ियों के साथ स्लेजिंग कर चुकी है। “Monkeygate”दरअसल, साल 2007‑08 में खेले गए भारत vs ऑस्ट्रेलिया मैच में एंड्रयू सिमंड्स पर “मंकी” चैंट किया और हरभजन सिंह को उसी भाषा में जवाब दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि, ICC को हस्तक्षेप करना पड़ा, बाद में नस्लभेदी आरोप वापस लिए गए।

इसके अलावा साल 2008 में ही खेले गए sydney टेस्ट में हॉग पर धोनी और काना को “बस्टर्ड्स” कहने के आरोप लगे। जिसको लेकर हॉग पर कार्रवाई हुई, हालांकि, बाद में आरोप वापसी हो गयी। इसके अलावा एक बार मिशेल वार्नर, कोहली और ढवन में कहासुनी हुई। दरअसल, साल 2014 में खेले गए Adelaide टेस्ट में तेज़-तर्रार वार्नर ने जब वेरुण् एरॉन को विकेट लेने पर “Come on!” चिल्लाया, तो कोहली–धवन ने भी मुखर प्रतिक्रिया दी। जिसके बाद सभी fined हुए । वहीं साल 2014 में ही
ऑस्ट्रेलिया में हो रहे मुकाबले में मिशेल जॉनसन और विराट कोहली में बहस हुई थी। दरअसल, जॉनसन ने कोहली को बाउंसर मारा, जिसके बाद जोरदार वाक़्तियों की बाढ़ आ गयी। दोनों ने जमकर शब्दों का आदान‑प्रदान किया ।

साल 2016 में खेले गए ओडीआई में जेम्स फॉक्नर और कोहली में तीखी बहस हुई। फॉक्नर ने कोहली को ताना दिया, तो कोहली ने जवाब दिया। साल 2008 में ही हैडन ने हरभजन को “obnoxious little weed” कहा, और भारत को “third world country” जैसा तंज किया। जिससे उनपर बैन लगा और जमकर आलोचना हुई। वहीं विराट कोहली ने सैम कॉन्टास को अस्थायी रूप से shoulder-bump किया। इससे ICC का जुर्माना और मीडिया विवाद हुआ।

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