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किसी बेटी को जेल में डाल देना और उसका पूरा करियर खराब कर देना बिल्कुल भी ठीक नहीं- शर्मिष्ठा के साथ कंगना

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सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा
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सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को लेकर हर तरफ विरोध जारी है। क्या मंत्री क्या सांसद सभी पश्चिम बंगाल सरकार की इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल को नॉर्थ कोरिया की तरह मत बनाओ- कंगना

सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा – by: Google

दरअसल, पवन कल्याण के बाद भाजपा सांसद कंगना रनौत का बयान सामने आया है. एन्फ्लुएंसर की गिरफ्तारी को लेकर कंगना ने पश्चिम बंगाल सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि, पश्चिम बंगाल को नॉर्थ कोरिया की तरह मत बनाओ।बीजेपी सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थितियां ठीक नही हैं. अगर कोई इनजनरल अपनी बात कहता है तो उसके खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई करना कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है. सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है यहां इस तरह का माहौल न खड़ा जाए जिससे यह नॉर्थ कोरिया लगने लगे।

सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा – by: Google

इतना ही नहीं उन्होंने ममता सरकार से ये मांग की है कि, उसे जल्द से जल्द रिहा किया जाए। कंगना ने कहा कि, जब शर्मिष्ठा ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी और माफी मांग ली है तो सरकार को उसके खिलाफ इस तरह की कठोर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक बेटी का करियर पूरी तरह से बर्बाद करने की पूरी साजिश की जा रही है। किसी बेटी को जेल में डाल देना और उसका पूरा करियर खराब कर देना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। शर्मिष्ठा अभी पढ़ाई कर रही है, उसके सामने अभी पूरा जीवन पड़ा है। ऐसे में सरकार की इस तरह की कार्रवाई कहां से ठीक लगती है। जेल में उस बेटी को लगातार सताया जा रहा है।

सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा – by: Google

आंध्र प्रदेश में उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई को टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा ने अपनी बात रखी। कुछ लोगों को उनके शब्द आपत्तिजनक लगे। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और वीडियो डिलीट कर माफी मांग ली। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तुरंत कार्रवाई की। लेकिन “जब टीएमसी के चुने हुए नेता, सांसद सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं तो लाखों लोगों को बहुत दुख होता है, उसका क्या?” “जब हमारे धर्म को गंध धर्म कहा जाता है तो गुस्सा कहां है? उन नेताओं की माफी कहां है? तुरंत उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?” उन्होंने कहा, “धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है। पश्चिम बंगाल पुलिस आपको पूरा देश देख रहा है। सभी के लिए न्यायपूर्ण कार्य करें। मैं शर्मिष्ठा के साथ खड़ा हूं।”

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, तृणमूल कांग्रेस ने एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए ये कार्रवाई की है, जबकि उन्होंने अपने ही नेताओं के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई अब तक नहीं की। देश ही नहीं विदेश में भी ममता दीदी की इस नाइंसाफी औऱ मनमानी का विरोध हो रहा है। शर्मिष्ठा के बचाव में डच संसद (नीदरलैंड) के सदस्य और दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता गीर्ट वाइल्डर्स भी उतरे। गीर्ट वाइल्डर्स  ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपमान बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह सुनिश्चित करें कि शर्मिष्ठा को रिहा किया जाए।

वाइल्डर्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बहादुर शर्मिष्ठा पनोली को रिहा करो! यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान की बात है कि उसे गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उसे दंडित न करें। पीएम मोदी उसकी मदद करें।” पोस्ट के साथ फोटो में लिखा था, “सभी की निगाहें शर्मिष्ठा पर हैं।”

बता दें कि, सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा के खिलाफ मामला तब शुरू हुआ, जब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड अभिनेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो में साम्प्रदायिक टिप्पणियां भी की थीं। इस वीडियो को समुदाय विशेष की भावनाएं भड़काने वाला मानकर ये कार्रवाई हुई है। हांलाकि कुछ समय बाद उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया था. लेकिन उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल पुलिस नें मामला दर्ज किया है। बीती शाम शर्मिष्ठा कोर्ट में पेश किया गया. जहां उसकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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