Edited by: Vandana Ravindra.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC ने बिना इजाजत डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने इस संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी की है।
इजाजत के बगैर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने की जानकारी
सूचना के मुताबिक, अगर उन्हें किसी उच्च शिक्षण संस्थान की इजाजत के बगैर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने की जानकारी मिलती है, तो वे इसकी सूचना UGC को दें। आयोग ने छात्रों और अभिभावकों से उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले से पहले अनुमति जांचने का आग्रह भी किया है। गौरतलब है कि, राज्य अधिनियम और केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित या यूजीसी अधिनियम 1956 के तहत स्थापित शिक्षण संस्थान ही अनुमति के बाद डिग्री प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं।
प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं
खबर है कि, यूजीसी को जानकारी मिली है कि, कई संस्थान प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के साथ फर्जी संस्थानों के बारे में यूजीसी वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बिना मान्यता वाले शैक्षणिक कार्यक्रम चलाने वाले फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
संस्थान द्वारा अवैध रूप से डिग्री प्रदान करने की जानकारी मिले
इसके अलावा आयोग ने छात्रों और आम जनता से अपील की है कि, यदि उन्हें किसी संस्थान द्वारा अवैध रूप से डिग्री प्रदान करने की जानकारी मिले, तो वे ugcampc@gmail.com पर ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इससे यूजीसी को ऐसे संस्थानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। यूजीसी ने छात्रों को आगाह किया है कि वे किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले उसकी मान्यता की स्थिति की पुष्टि करें।
इसके लिए वे यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट और नोटिस चेक करते रहें। यह कदम छात्रों के शैक्षणिक और पेशेवर भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उठाया गया है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री प्राप्त करना ही सही करियर विकल्प होगा।